यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण सूची 2021
प्रदेश की 755 ग्राम पंचायतों को आंशिक रूप से शहरी क्षेत्र में शामिल किए जाने पर विवाद पैदा हो गया है। इनमें राजस्व गांव तोड़े गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस वजह से आगामी पंचायत चुनाव के लिए तय होने वाला आरक्षण बाधित हो सकता है। इन ग्राम पंचायतों में राजस्व गांवों के दो हिस्से हो गए हैं। एक हिस्सा शहरी क्षेत्र में चला गया है और दूसरा ग्रामीण क्षेत्र में…। यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। प्रशासनिक स्तर के साथ ही चुनाव लड़ने के दावेदार भी मैदान भी कूद पड़े हैं। वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की घोषण होने के बाद अब गांवों में इस बात पर चर्चा हो रही है कि कौन सा गांव आरक्षित होगा और कौन सा नहीं। अभी दावेदार पूरा माहौल इस लिए भी नहीं बना पा रहे हैँ क्योंकि उन्हें यह नहीं मालूम इस वक्त जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित या अनारक्षित है, आगामी चुनाव में वह सीट किस वर्ग के लिए तय होगी। 2015 के पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था। ऐसे में संभावना जताई जा रही है इस बार भी नए सिरे से आरक्षण होगा।
यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण सूची 2021
राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन ने पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर एतराज उठाया है। संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा का कहना है कि राजस्व गांव को तोड़ना नियम विरुद्ध है, आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने मांग की है कि जो राजस्व गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं, उन्हें या तो पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र में शामिल किया जाए या फिर शहरी क्षेत्र में। एक ग्राम पंचायत में एक या इससे अधिक राजस्व गांव हो सकते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह इस मामले को अदालत में ले जाएंगे। जानकारों के अनुसार वर्ष 2015 के चुनाव के बाद इस बार अब चक्रानुक्रम आरक्षण का यह दूसरा चक्र होगा। चक्रानुक्रम आरक्षण का अर्थ यह है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, यथासम्भव अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। चक्रानुक्रम के आरक्षण के वरीयता क्रम में पहला नम्बर आएगा एसटी महिला। एसटी की कुल आरक्षित सीटों में से एक तिहाई पद इस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। फिर बाकी बची एसटी की सीटों में एसटी महिला या पुरुष दोनों के लिए सीटें आरक्षित होंगी। इसी तरह एससी के 21 प्रतिशत आरक्षण में से एक तिहाई सीटे एससी महिला के लिए आरक्षित होंगी और फिर एससी महिला या पुरुष दोनों के लिए आवश्यक होगी
उत्तर प्रदेश आरक्षण सूची डाउनलोड करे
उत्तर प्रदेश आरक्षण सूची डाउनलोड करे 2021
up panchayat chunav 2021 aarakshan list
इस संबंध में पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह की ओर से एक शासनादेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि नगर विकास विभाग की अधिसूचनाओं के अनुसार जहां राजस्व ग्राम की आबादी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विभाजित हुई है, वहां शेष ग्रामीण आबादी का श्रेणीवार (एससी-एसटी-ओबीसी ) का वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार निर्धारण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। इस कार्य के लिए उक्त समिति में संबंधित जिलाधिकारी और अधिशासी अधिकारी को समिति का विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया जाएगा। समिति का निर्णय अंतिम होगा। इसके बाद ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण में एक तिहाई सीटें ओबीसी महिला के लिए तय होंगी, फिर ओबीसी के लिए आरक्षित बाकी सीटें ओबीसी महिला या पुरुष दोनों के लिए अनारक्षित होगा. अनारक्षित में भी पहली एक तिहाई सीट महिला के लिए होगी. आरक्षण तय करने का आधार ग्राम पंचायत सदस्य के लिए गांव की आबादी होती है. ग्राम प्रधान का आरक्षण तय करने के लिए पूरे ब्लाक की आबादी आधार बनती है. ब्लाक में आरक्षण तय करने का आधार जिले की आबादी और जिला पंचायत में आरक्षण का आधार प्रदेश की आबादी बनती है.
up panchayat chunav 2021 aarakshan suchi
ग्राम प्रधान संगठन 25 दिसम्बर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने पर मौजूदा ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में ही प्रशासनिक समिति गठित किए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर चुका है। याचिका में कहा गया है कि जब तक प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होते तब तक ग्रा%A