इस वीडियो में हम नवोदय विद्यालय के बच्चों के रूटीन से संबंधित तीन मेजर प्वाइंट्स पर बात करने वाले हैं। पहला नॉर्मल दिनों में यानी की साधारण दिनों में उनका रूटीन क्या होता है? दूसरा सेलेब्रेशन के दिनों में सेलेब्रेशन कई तरह के हो सकते हैं। ये नेशनल फेस्टिवल्स हो सकते हैं, स्पोर्ट्स फेस्ट हो सकते हैं या फिर कई अन्य तरह की ऑर्गेनाइजेशन भी विद्यालयों में होते हैं, जिन्हें हम इस वीडियो में देखने वाले हैं।
और तीसरा इम्पोर्टेन्ट पॉइंट कि नवोदय में जो कुछ भी होता है, पढ़ाई, खेलकूद, रचनात्मक गतिविधियों और कई तरह के क्रियाकलाप, इनकी निगरानी कौन करता है? कौन इनकी देखभाल करता है? कौन ये तय करता है कि ये सारी अक्टिविटीज सही तरीके से हो रही है या नहीं? हो रही है ना? उदय विद्यालय के बच्चों को जो सुविधाएं दी जा रही है वो सही से दी जा रही है या नहीं दी जा रही है। इस बड़े ही इम्पोर्टेन्ट पॉइंट को हम वीडियो के लास्ट में डिस्कॅस करने वाले हैं।
नमस्कार दोस्तों, आप देख रहे हैं द्रोण स्कूल सबसे पहले हम बात करते हैं कि नवोदय विद्यालय के बच्चों की नॉर्मल डे की रूटीन क्या होती है? साढ़े पांच?
नवोदय विद्यालय डेली रूटीन
बजे ही पी टी टीचर के व्हिस्टल पे उठ जाते हैं बच्चे साढ़े पांच से साढ़े 6:00 बजे तक यानी की 1 घंटे तक की इनकी मॉर्निंग पी टी होती है। इसमें कभी कभी योगा भी कराया जाता है। योगा एक्सर्साइज़ के साथ साथ कभी कभी कुछ खेल को भी करा दिया जाता है। साढ़े 6:00 बजे पी टी खत्म होने के बाद बच्चे ग्राउंड से वापस लौटते हैं, ना धोकर तैयार होते हैं और साढ़े 7:00 बजे तक ये अपना ब्रेकफास्ट करके रेडी हो जाते हैं |
नवोदय के मेस यानी भोजनालय में इन्हीं ब्रेकफास्ट प्रोवाइड किया जाता है।
साढ़े 7:00 बजे ये एकेडमिक बिल्डिंग की तरफ भागते हैं अपने रोज़ की पढ़ाई के लिए।
ऐकैडॅमिक बिल्डिंग में इनकी शुरुआत होती है। मॉर्निंग प्रेयर असेंबली से। नवोदय का मॉर्निंग प्रेयर असेंबली काफी दिलचस्प होता है। यहाँ प्रेयर म्यूसिक के साथ होता है। जो म्यूसिक इन्स्ट्रुमेंट्स बजाए जाते हैं वो भी स्टूडेंट्स के द्वारा ही बजाये जाते हैं और इसके बाद नवोदय विद्यालय में जो चार हाउसेस होते हैं यानी कि जो चार होस्टल्स की कैटेगरी होती है।
अरावली, नीलगिरी, शिवालिक, उदयगिरी इन सब में से एक एक हॉउस का एक एक हफ्ते के लिए टर्न लगता है की इन हाउसेस के विद्यार्थी कुछ ना कुछ स्टेज पर परफॉर्म करे। मॉर्निंग प्रेयर के बाद जीस भी हॉउस का टर्न होता है। उस हॉउस के विद्यार्थी प्लेस दिलवाते हैं। उसके बाद सुविचार यानी थॉट प्रेसेंट करते हैं। उसके बाद न्यूस और स्पीड जैसे क्रियाकलाप शामिल होते हैं। ये खत्म होने के बाद अगर किसी टीचर या फिर प्रिन्सिपल को कोई इंस्ट्रक्शन देना होता है |
Navodaya Vidyalaya Daily Routine
तो वो अपनी बात रखते हैं। उसके बाद राष्ट्रगान के साथ असेंबली खत्म होती है। अब बच्चे पहुंचते हैं अपनी क्लास में क्लासेज में रेगुलर पढ़ाई होती है, उसके बाद इनका ब्रेक होता है 11:00 बजे 11:00 बजे जो ब्रेक होता है आधे घंटे का ये ब्रेक होता है। इसमें इन्हें दूध और बिस्कुट दिए जाते हैं। कभी कभी दूध के साथ ब्रेड भी दिया जाता है।
हॉस्टल बहुत दूर नहीं होता है क्योंकि ये कॅंपस के अंदर ही होता है तो वही दो 300 मीटर की दूरी पर होस्टल्स होते हैं तो बच्चे हॉस्टल्स लौटते हैं, दूध पीते हैं और उसके बाद फिर वापस ऐकैडॅमिक बिल्डिंग चले जाते हैं।
फिर इनका रेगुलर पीरियड चलता है। उसके बाद डेढ़ बजे इनकी छुट्टी होती है। ऐकैडॅमिक बिल्डिंग से छूटने के बाद बच्चे हॉस्टल पहुंचते हैं और वहाँ से तुरंत मेस की तरफ यानी भोजनालय में जाते हैं। भोजनालय में इन्हें रोज़ की मीनू के अनुसार खाना दिया जाता है।
पर अभी बच्चों की पूरी छुट्टी नहीं हुई होती है।
ये इनका ब्रेक होता है 2 घंटे का। यानी की डेढ़ बजे से साढ़े 3:00 बजे तक ये रेस्ट करते है और साढ़े 3:00 बजे से फिर इनकी रेमेडियल क्लासेज शुरू होती है।
ये रेमेडियल क्लासेज रेगुलर पीरियड की तरह नहीं होती है बल्कि इनमे जो दिन भर पढ़ाया जाता है वही बच्चे रीवईस करते हैं।
इसमें सामान्यता हर क्लास में एक या दो टीचर होता है जो विद्यार्थियों के डॉब्टस क्लियर करता है या फिर उन्हें असिस्ट करता है।
5:00 बजे इनकी रीमेडियल क्लास खत्म होती है और रिमेडियल क्लास खत्म होने के बाद इन्हें सीधे जाना होता है। प्ले ग्राउंड।
प्ले ग्राउंड में बच्चे अपनी मनपसंद का खेल खेलते हैं।
जनरलली ऐसा होता है कि बच्चे अपना खेल चुन लेते हैं और उसी की प्रैक्टिस करते रहते हैं।
हर तरह के ऑप्शन्ज़ होते हैं बच्चों के पास जैसे खो खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट, एथलेटिक्स तो ये सारे ऑप्शन्ज़ बच्चों के पास होते हैं। जिनकी जो मर्जी होता है वो खेलता है डेढ़ 2 घंटे का इनका ये गेम पीरियड होता है। ये टाइम कभी कभी बदलता भी रहता है। मौसम के हिसाब से जैसे गर्मियों में खेल देर तक चलता रहता है तो ठंडीयों में आधे घंटे पहले छूट जाते हैं। बच्चे साढ़े 6:07 बजे के करीब ग्राउंड में ही असेंबली होती है। इनकी काउंटिंग होती है। उसके बाद ये बच्चे वापस हॉस्टल लौटते हैं।
हॉस्टल लौटने पर ही शाम को स्नेक्स दिए जाते हैं। चाय के साथ बिस्किट, ब्रेड या फिर फल दिए जाते हैं।
इसके बाद शुरू होती है बच्चों की नाइट क्लासेज। नाइट क्लासेज में बच्चे ऐकैडॅमिक बिल्डिंग जाते हैं, कहीं कहीं लड़कियों को मिस में ही पढ़ना होता है। ये नाइट क्लासेज साढ़े 7:08 बजे तक चलती है। ये भी रेगुलर क्लासेज की तरह नहीं होती है। बच्चे जाते हैं और अपनी मर्जी से कोई भी सब्जेक्ट पढ़ते हैं।
और फिर 8:00 बजे इन्हें डिन्नर दिया जाता है। रात का भोजन करने के लिए ये बच्चे भोजनालय जाते हैं, उसके बाद दिन भर की गतिविधियों से छुट्टी। अब यह इनका आराम करने का टाइम होता है तो इस तरह से होती है नवोदय विद्यालय के बच्चों की डेली रूटीन बात करते हैं सेलिब्रेशन के दिनों की नवोदय विद्यालय में कई तरह के सेलेब्रेशन होते हैं जैसे नेशनल फेस्टिवल्स, इंडिपेंडेन्स डे गणतंत्र दिवस इस तरह के बहुत सारे फेस्टिवल्स नवोदय में मनाए जाते हैं। ज़ाहिर सी बात है इन दिनों बच्चों की छुट्टी होती है। बच्चे बहुत मज़े करते हैं।
कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।