Board Exam Latest News 2021 | Board Exam 2021 Honge ya Nahi | 10th and 12th Board Exam 2021

By | January 17, 2020

Board Exam Latest News 2021 | Board Exam 2021 Honge ya Nahi | 10th and 12th Board Exam 2021 –

नमस्कार दोस्तों आप सभी इंतजार कर रहे होंगे की आप सभी की स्कूल कब तक खुलेंगे और आप सभी अपने बोर्ड परीक्षा 2021 की तयारी कब से शुरू करेंगे | आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आपके स्कूल कब तक खुलेंगे और ये भी बताएंगे कि 2021 बोर्ड परीक्षा होगी या नहीं |




Board Exam 2021 Honge ya Nahi –

नमस्कार दोस्तों अब बात करते है की 2021 के बोर्ड एग्जाम होंगे या नहीं तो हम आपको बता दे की नई शिक्षा नीति के तहत आप सभी के बोर्ड नहीं होंगे | अब बात करते है की कोनसी कक्षा के बोर्ड एग्जाम होंगे और किस कक्षा के बोर्ड एग्जाम नहीं होंगे | बात करे 2021 के बोर्ड की तो अभी तक की जानकारी के अनुसार कक्षा 10वीं के बोर्ड परीक्षा नहीं होगी तथा कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा होगी किन्तु 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो भागों में होंगी |

School Kab Tak Khulenge –

नमस्कार दोस्तों अब बात करते है की स्कूल कब तक खुलेगी तो अब तक की जानकारी के अनुसार स्कूल जो है अगले महीने के शुरुआत में यानी सितंबर के शुरुआत में खुलेंगे | लगभग अगर तारीख की बात करे तो 5 सितम्बर के आस पास आप सभी की स्कूल खुल जाएगी |

New Education Policy 2020 –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने भारत के शैक्षिक परिदृश्य को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी है। नई शिक्षा नीति देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। NEP जो छात्रों को आकार देने और उन्हें नए युग की दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के लिए आवश्यक था, नए भारत की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक नीति तैयार करने में किए गए व्यापक परामर्शों का एक प्रमाण रहेगा। यदि आप नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इस पृष्ठ पर जाकर स्क्रॉल कर सकते हैं और नई शिक्षा नीती २०२० शिक्षा शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

Nayi Shiksha Niti 2020 –

  • नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक देश के 100 प्रतिशत बच्‍चों को स्‍कूली शिक्षा में नामांकन कराने का लक्ष्‍य रखा गया है | अभी भी गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्‍चे बेसिक शिक्षा से वंचित हैं जिन तक शिक्षा का प्रसार बेहद जरूरी है |

  • शिक्षा नीति में सुधार के साथ-साथ एससी, एसटी, ओबीसी, और अन्य एसईडीजी से संबंधित छात्रों की योग्यता को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाएगा | राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का समर्थन करने, बढ़ावा देने और छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने के लिए विस्तारित किया जाएगा | निजी HEI को अपने छात्रों को बड़ी संख्या में छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा |

  • स्‍कूली शिक्षा की गुणवत्‍ता की अब से हर 5 वर्षों में समीक्षा की जाएगी |

  • नीति के अनुसार छात्र अब उन विषयों का खुद चुनाव कर सकेंगे जिनके लिए वे बोर्ड परीक्षा देना चाह रहे हैं |

  • बोर्ड परीक्षा के नंबरों का महत्‍व अब कम होगा जबकि कॉन्‍सेप्‍ट और प्रैक्टिकल नॉलेज का महत्‍व ज्‍यादा होगा | सभी छात्रों को किसी भी स्कूल वर्ष के दौरान दो बार एक मुख्य परीक्षा और एक सुधार के लिए बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी |

  • राजनीतिक दलों द्वारा विरोध के बाद, थ्री-लैंग्‍वेज फार्मूले के बारे में NEP के मसौदे में हिंदी और अंग्रेजी के संदर्भ को अंतिम नीति दस्तावेज से हटा दिया गया है |

  • शिक्षक शिक्षा के लिए एक नया और व्यापक नेशनल करिकुलम तैयार किया जाएगा, जिसे NCFTE 2021, NCERT द्वारा NCERT के परामर्श से बनाया जाएगा | 2030 तक, शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री |

  • घटिया स्टैंड-अलोन शिक्षक शिक्षा संस्थानों (TEIs) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी |




  • नई शिक्षा नीति के अनुसार जहां भी संभव हो, निर्देश का माध्यम कम से कम ग्रेड 5 तक, मातृभाषा / स्थानीय भाषा / क्षेत्रीय भाषा होगी। इसके बाद, स्थानीय भाषा को जहाँ भी संभव हो भाषा के रूप में पढ़ाया जावेगा | यह नियम सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के स्कूल में लागू होंगे |

  • एक अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) की स्थापना की जाएगी जो विभिन्न मान्यता प्राप्त HEI से अर्जित शैक्षणिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से सेव करेगा | क्रेडिट बैंक का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में छात्रों की गतिशीलता को सुगम बनाना होगा, इस बैंक में छात्रों के क्रेडिट सेव किए जाएंगे ताकि अपनी डिग्री पूरी करने के लिए छात्र किसी भी समय इनका उपयोग कर सकें |

  • सार्वजनिक और निजी एचईआई के लिए सामान्य मानदंड दिए गए है अर्थात शुल्क नियामक ढांचे के भीतर तय किया जाएगा और कैप से ज्यादा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा |

  • बोर्ड परीक्षा को सरल बनाने और छात्रों पर से पाठ्यक्रम का बोझ कर करने पर जोर दिया जाएगा | स्‍कूली पाठ्यक्रम को अब 10+2 की जगह 5+3+3+4 की नई पाठ्यक्रम संरचना लागू की जाएगी |

  • सभी कॉलेजों में एडमिशन के लिए NTA द्वारा केवल एक ही ऑप्शनल एग्जाम आयोजित कराया जाएगा |

  • सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय में विशेष रूप से नि: शुल्क बोर्डिंग सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा |

  • अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन के लिए कैरिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा | इसमें 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। बुनियाद शिक्षा (6 से 9 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा | पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर तैयारी की जाएगी | इसमें अंतिम 4 वर्ष 9वीं से 12वीं शामिल हैं |

    हर एक विषय में पाठ्यचर्या की सामग्री को मूल अनिवार्यता को कम किया जाएगा और सीखने के लिए महत्वपूर्ण सोच और अधिक समग्र, इंक्वायरी-आधारित, डिस्कवरी-आधारित, चर्चा-आधारित और एनालिसिस यानी विश्लेषण-आधारित तरीकों पर जोर किया जाएगा |

  • नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षण, मूल्यांकन, शिक्षक, स्कूल और छात्र प्रशिक्षण का हिस्सा है | ई-सामग्री क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध करवाई जावेगी | हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध ई-पाठ्यक्रमों में शामिल होने के लिए 8 प्रमुख भाषाओं – कन्नड़, ओडिया, बंगाली के साथ शुरू किया जावेगा |

  • भाषा, साहित्य, संगीत, फिलॉसफी, कला, नृत्य, रंगमंच, शिक्षा, गणित, स्टैटिक्स, प्योर एंड अप्लाईड साइंस, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, खेल, अनुवाद और व्याख्या, आदि विभागों को सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थापित और जोर दिया जाएगा |

    मल्टिपल एंट्री, एग्जिट पॉइंट्स, एमफिल को बंद किया जाए | इसके अलावा यूजी, पीजी, पीएचडी लेव के कोर्सेज चलते रहेंगे |

  • मैथमेटिकल थिंकिंग, साइंटिफिक टेंपर कोर्स का हिस्सा होंगे | खेल, व्यावसायिक, कला, वाणिज्य, विज्ञान जैसे सह-पाठ्यक्रम विषय समान स्तर पर होंगे | छात्र अपनी पसंद के अनुसार पाठ्यक्रम चुन सकते हैं | कक्षा 6 से छात्रों को कोडिंग की अनुमति दी गई |

  • जो रिसर्च में जाना चाहते हैं उनके लिए 4 साल का डिग्री प्रोग्राम होगा | जबकि जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे | लेकिन जो रिसर्च में जाना चाहते हैं वो एक साल के MA के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद PhD कर सकते हैं | इसके लिए M.Phil की जरूरत नहीं होगी |

  • मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू किया गया है | आज की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरंग पढ़ने या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश आगे नहीं पढ़ पाते हैं तो कोई उपाय नहीं होता, लेकिन मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में 1 साल के बाद सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा और 3-4 साल के बाद डिग्री मिल जाएगी | स्टूडेंट्स के हित में यह एक बड़ा फैसला है |

  • नई शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए हाईयर एजुकेशन और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित की गई है | इसके जरिए भारत का लगातार विकास सुनिश्चित होगा साथ ही वैश्विक मंचों पर आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देख-रेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करेगा |




  • 2013 में शुरू की गई BVoc डिग्री अब भी जारी रहेगी, लेकिन चार वर्षीय बहु-विषयक (multidisciplinary) बैचलर प्रोग्राम सहित अन्य सभी बैचलर डिग्री कार्यक्रमों में नामांकित छात्रों के लिए वोकेशनल पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होंगे | ‘लोक विद्या’, अर्थात, भारत में विकसित महत्वपूर्ण व्यावसायिक ज्ञान, व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में एकीकरण के माध्यम से छात्रों के लिए सुलभ बनाया जाएगा |

New Shiksha Niti in Hindi 2020 –

  • नई शिक्षा नीति में पाँचवी क्लास तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम रखा जावेगा | इसे क्लास आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है | विदेशी भाषाओं की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी | हालांकि नई शिक्षा नीति में यह भी कहा गया है कि किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा |

  • स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है | इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है |

  • एनसीईआरटी 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (एनसीपीएफ़ईसीसीई) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा |

  • स्कूलों में शैक्षणिक धाराओं, पाठ्येतर गतिविधियों और व्यावसायिक शिक्षा के बीच ख़ास अंतर नहीं किया जाएगा |

  • सामाजिक और आर्थिक नज़रिए से वंचित समूहों (SEDG) की शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा |

  • नई शिक्षा नीति का लक्ष्य 2030 तक 3-18 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है |

  • नई शिक्षा नीति में छात्रों को ये आज़ादी भी होगी कि अगर वो कोई कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाख़िला लेना चाहें तो वो पहले कोर्स से एक ख़ास निश्चित समय तक ब्रेक ले सकते हैं और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं |

  • उच्च शिक्षा संस्थानों को फ़ीस चार्ज करने के मामले में और पारदर्शिता लानी होगी |




  • ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे | वर्चुअल लैब विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फ़ोरम (NETF) बनाया जा रहा है |

  • इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है | इसका मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों को पढ़ाई के साथ साथ किसी लाइफ स्‍क‍िल से सीधा जोड़ना |

  • आयोग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण पर खास जोर दिया है | जाहिर है कि एक अच्छा टीचर ही एक बेहतर स्टूडेंट तैयार करता है | इसलिए व्यापक सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की गई है |

  • बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा जैसे कि आपने अगर स्कूल में कुछ रोजगारपरक सीखा है तो इसे आपके रिपोर्ट कार्ड में जगह मिलेगी | जिससे बच्चों में लाइफ स्किल्स का भी विकास हो सकेगा |

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा | नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Education Policy, NEP) को अब देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एडिशनल चार्ज दिया जाएगा | जिसमें वह हायर एजुकेशन के लिए आम यानी कॉमन एंट्रेंस परीक्षा का आयोजन कर सकता है |

  • पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, ‘राष्ट्रीय शिक्षा आयोग’ का गठन करने और प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है | ये राष्ट्रीय श‍िक्षा आयोग भारत की प्राचीन ज्ञान पद्धतियों को समग्रता के साथ श‍िक्षा से जोड़ने का काम करेगा |

  • लड़कियों की शिक्षा जारी रहे इसके लिए उनको भावनात्मक रूप से सुरक्षित वातावरण देने का सुझाव दिया गया है | इसके लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का विस्तार 12वीं तक करने का सुझाव नई शिक्षा नीति-2019 में है |

  • पहली व दूसरी कक्षा में भाषा व गणित पर काम करने पर जोर देने की बात नई शिक्षा नीति में शामिल है | इसके साथ ही चौथी व पांचवीं के बच्चों के साथ लेखन कौशल पर काम करने पर भी ध्यान देने की बात कही गई है | इसके लिए भाषा सप्ताह, गणित सप्ताह व भाषा मेला या गणित मेला जैसे आयोजन होंगे |

  • पुस्तकालयों को जीवंत बनाने और अन्य एक्ट‍िविटी को कराना नई शिक्षा नीति में शामिल है जैसे बच्चे स्टोरी टेलिंग, रंगमंच, ग्रुप स्टडी, पोस्टर और डिस्प्ले से भी सीखें. बच्चों को किताबों के अलावा दूसरे माध्यमों से सिखाने पर जोर है, ये बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के उद्देश्य से भी जरूरी माना गया है |

  • शिक्षकों के सपोर्ट के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात भी नई शिक्षा नीति में शामिल है | इसके लिए कंप्यूटर, लैपटॉप व फोन इत्यादि के जरिए विभिन्न ऐप का इस्तेमाल करके शिक्षण को रोचक बनाने की बात कही गई है |

New Education Policy 2020 School  Shiksha Me Badlav –

  • कक्षा 6 से ही बच्चे को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी और साथ ही स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी | इसके अलावा संगीत और कला को पाठयक्रम में लागू कर बढ़ावा दिया जाएगा |

  • नई शिक्षा नीति में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं के अलावा आठ क्षेत्रीय भाषाओं में भी ई-कोर्स होगा | कक्षा पांचवीं तक और जहां तक संभव हो सके आठवीं तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी |

  • नई शिक्षा नीति 2020 के तहत व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा |




  • नई शिक्षा नीति में शिक्षा प्रणाली से दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को भी स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाया जाएगा |

  • 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को कम किया जाएगा | आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाओं के प्रैक्टिकल मॉडल (वार्षिक, सेमिस्टर और मोड्यूलर बोर्ड परीक्षाएं) तैयार किया जावेगा |

  • कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवाई जावेगी |

  • नेशनल एसेसमेंट सेंटर-परख बनाया जाएगा, जो बच्चों के सीखने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण करेगा |

  • बच्चों की रिपोर्ट कार्ड का आकलन तीन स्तर पर किया जाएग पहला स्वयं छात्र करेगा, दूसरा सहपाठी और तीसरा उसका शिक्षक |

  • पारदर्शी एवं आनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है |

  • 3 से 6 साल के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन |

  • एनसीईआरटी द्वारा फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु |

  • 9वीं से 12वीं की पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर |

  • बच्चों के लिए नए कौशल: कोडिंग कोर्स शुरू |

  • एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज-मेन कैरिकुलम में शामिल |

  • वोकेशनल पर जोर: कक्षा 6 से शुरू होगी पढ़ाई |

  • नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार: बोर्ड एग्जाम दो भाग में |

  • रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स शामिल |

  • साल 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित |

तो दोस्तों आशा करते है की आज की यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी यदि आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो आपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को जरूर शेयर करे |

 

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