एक मिडिल क्लास आदमी सिर्फ एक हॉस्पिटल के बिल से दूर रहता है। गरीबी रेखा के नीचे आने में आजादी से लेके आज तक चाहे कोई भी गवर्नमेंट रही हो, इस पर्टिकुलर चीज़ को लेके हर तरीके से फैल रही है डेल्ही एन सी आर के जो नामी प्राइवेट हॉस्पिटल्स है वहाँ पे जो पेशेंस गए, Best Health insurance in India उनके बिल को इकट्ठा करके एनालाइज किया गया ताकि ये पता चल सके की जो बिल बनाए गए है इन हॉस्पिटल्स ने ये जेन्यूइन है या फिर इसमें कोई हेर फेर हुई है। एक आदमी है जिसके माँ बाप है, वाइफ है, बच्चे है।
भाई और बहन है और वो अकेला कमाने वाला है तो इतनी बड़ी लाइफ वो इस भरोसे नहीं जी सकता की किसी को कुछ नहीं होगा। और ये जो बिल गेट्स है क्या ये हेल्त इन्षुरेन्स लेते हैं? इनको इस चीज़ की जरूरत है और जब गवर्नमेंट फैल हुई तो उसने भी वही किया जो हर हारा हुआ इंसान करता है। अपनी जिम्मेदारी किसी और के ऊपर डाल दी।
आज से काफी टाइम पहले जब चाइनीज़ और बबलोनियन लोग आपस में ट्रेड करते थे तो उन्होंने अपने रिस्क को कम करने के लिए एक ऐसा तरीका निकाला जो उससे पहले यूज़ नहीं होता था और वो ऐडिया ऐसा था जिसे हम आज भी यूज़ करते हैं। Best Health insurance in India इनके पूरे ग्रुप ने मिलकर ये डिसैड किया की हम लोग आपस में कुछ पैसा इकट्ठा कर लेंगे और अगर किसी एक को नुकसान होता है तो वो नुकसान हम आपस में बाँट लेंगे। इससे फायदा ये होगा की कम पैसे में सब लोग रिस्क फ्री हो जाएंगे। ये जो कॉन्सेप्ट है ये आज भी चला आ रहा है जिसे हम इन्षुरेन्स कहते हैं। लोगों से पैसा इकट्ठा किया जाता है।
और उनको रिस्क फ्री कर दिया जाता है। अगर ये पैसा कार के रिस्क के लिए इकट्ठा होता है तो उसे हम कार इन्षुरेन्स बोल देते है। अगर प्रॉपर्टी के रिस्क के लिए इकट्ठा होता है तो उसे हम प्रॉपर्टी इन्षुरेन्स बोलते है। ऐसे ही अगर हेल्त के रिस्क के लिए इकट्ठा होता है तो उसे हम हेल्त इन्षुरेन्स बोल देते है। Best Health insurance in India अब क्योंकि आज के सिनेरियो में बहुत सारे लोग है और ये बहुत ही बड़े लेवल पे होता है तो आप ऐसे किसी पे विश्वास करके पैसा इकट्ठा करके नहीं दे सकते है तो इस पूरे प्रोसेसर में एंट्री होती है एक ऐसी कंपनी की जो की रेपुटेड है और गवर्नमेंट के रेगुलेशन फॉलो करती है। जीसको हम इन्षुरेन्स कंपनी बोलते है। सब इस कंपनी को ट्रस्ट करके पैसा जमा करते है और ये जो पैसा लोग देते है इसको हम प्रीमियम बोलते है। आप देखिये भले ये इन्षुरेन्स बहुत ही बोरिंग टॉपिक लगे लेकिन ये बहुत ही इम्पोर्टेन्ट टॉपिक है। इन फॅक्ट ये एक ऐसा टॉपिक है जो की स्कूल की बुक्स में होना चाहिए, लेकिन नहीं है और यही रीसन है की जो भी यंगस्टर है इसके नाम के अलावा ज्यादा डीटेल्स नहीं पता उनको। Best Health insurance in India लेकिन जैसे जैसे आपके ऊपर जिम्मेदारी आने लगती है आपको इसकी इम्पोर्टेन्ट समझ में आने लगती है और अगर आप एक ऐसे यंगस्टर हो जिसके ऊपर उसकी फैम्ली डिपेंडेंट है तब तो आपको इसके बारे में ज्यादा डीटेल्स पता होनी चाहिए। देखिये किसी भी कंट्री के अंदर हेल्त केयर की सारी जिम्मेदारी गवर्नमेंट की होती |
Best Health insurance in India For Family
कि वो अपने देश के लोगों को फ्री एंड क्वालिटी हेल्थकेयर प्रोवाइड करें और इंडिया में भी इसके लिए आजादी के बाद से काम चल रहा है। लेकिन अनफारचुनेटली आजादी से लेके आज तक चाहे कोई भी गवर्नमेंट रही हो, इस पर्टिकुलर चीज़ को लेके हर तरीके से फैल रही है और जब गवर्नमेंट फैल होगी तो उसने भी वही किया जो हर हारा हुआ इंसान करता है। Best Health insurance in India अपनी जिम्मेदारी किसी और के ऊपर डाल दी। गवर्नमेंट ने इसमें प्राइवेट हॉस्पिटल्स को जमकर एंट्री दी और इंडिया में प्राइवेट हॉस्पिटल्स जम के खोले। लेकिन जब प्राइवेट हॉस्पिटल्स आए तो वो चैरिटी करने तो आए नहीं थे।
बनाने आए थे। इसलिए हेल्थकेयर महंगा हुआ। सुपर स्पेशिलिटी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, जिनका बिल लाखों में आने लगा, लेकिन इसका फायदा भी हुआ ऐट लिस्ट जिसके पास पैसा है उनके पास कई सारे ऑप्शन्ज़ खुल गए। अगर इसको आप चोविद् टाइम के एग्ज़ैम्पल समझो तो चोविद् के टाइम पे हॉस्पिटल्स कम थे और पेशेंस ज्यादा थे। Best Health insurance in India गवर्नमेंट और आम जनता दोनों प्रेशर में थी। यही सिचुएशन होती है अगर सिर्फ गिने चुने गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स ही होते है। इंडिया के अंदर प्राइवेट हॉस्पिटल्स के आने से लोगों के पास दूसरे ऑप्शन भी खुल गए। Best Health insurance in India अब गवर्नमेंट ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स लाके अपना लोड तो कम कर लिया, लेकिन इन प्राइवेट हॉस्पिटल्स के बिल बहुत ज्यादा आ रहे थे।
और मिडिल क्लास के लिए ये बहुत ही बड़ा इश्यू बन गया था। इससे बचने के लिए हेल्त केयर इन्षुरेन्स आया। इसको इसलिए लाया गया ताकि अगर कोई सरकारी सिस्टम से बेटर सर्विसेज चाहता है तो उसे अफ़ॉर्ड कर सकता है। Best Health insurance in India लेकिन ये याद रखियेगा की अभी भी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की है। पहले जो हेल्त इन्षुरेन्स था ये सिर्फ फॅक्टरी वर्कर्स के लिए आया था जो बड़ी बड़ी मशीनें चलाते थे क्योंकि वो लोग ज्यादा रिस्क पे रहते थे लेकिन ये सुफ्फिसिएंट नहीं था Best Health insurance in India इसलिए इसको मांडेटोरी कर दिया गया उन कंपनीस के लिए जहाँ पे 10 एम्पलॉईस से ज्यादा थे। लेकिन जब इससे भी बात नहीं बनी तो एक स्कीम लाई गई जिसमें एम्प्लोयी और एम्प्लोयी दोनों को पैसे मिलाने थे।
एक पे लोड ना पड़े और ज्यादा से ज्यादा लोग रिस्क फ्री हो जाए। ये सिस्टम अभी भी चलता है।Best Health insurance in India इ एस आई के नाम से अगर आपकी सैलरी 21,000 से कम है तो आपको ये स्कीम मिलती है। सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्त स्कीम सी जी हेच एस। जब ये आई तो सेंट्रल गवर्नमेंट के एम्पलॉईस की फैम्ली को भी हेल्त कवर मिलने लगा और फिर कुछ एम एन सीस ने भी इसकी देखा देखी में अपने एम्पलॉईस की फैम्ली को भी कवर देना शुरू कर दिया। Best Health insurance in India अब आज की डेट में ये है की आप भले ही जॉब करते हो, चाहे नहीं करते हो, आप चाहे अकेले के लिए चाहिए या फिर आपको फैम्ली के लिए चाहिए। आप अलग से इन्षुरेन्स ले सकते हो।
तो हमें पता है की गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स के कंपॅरटिव्ली प्राइवेट हॉस्पिटल्स का जो बिल आता है वो ज्यादा आता है लेकिन कितना ज्यादा आता है ये भी तो पता होना चाहिए और हवा में बात नहीं करेंगे। फेक्चुअल डेटा के बेसिस पे देखते है की ये गैप कितना बड़ा है। Best Health insurance in India इंडिया के प्राइवेट हॉस्पिटल में अगर कोई अडमिट होता है तो एक गवर्नमेंट हॉस्पिटल के कंपॅरटिव्ली छह गुना ज्यादा पैसा लगता है। आप यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टेटिस्टिक्स की रिपोर्ट देखोगे तो वहाँ पे आपको एग्ज़ैक्ट नंबर मिलेगा। सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती होने की एवरेज कॉस्ट है फोर थाउज़न्ड ₹452 और प्राइवेट हॉस्पिटल में अगर आप भर्ती होते है, 30 वॅन थाउज़न्ड ₹845 लगते है। अभी डिफरेंस तो बहुत बड़ा है, Best Health insurance in India लेकिन इसके बाद भी एक आम आदमी को अगर कोई बीमार होता है तो उसको प्राइवेट हॉस्पिटल ही जाना पड़ता है।
इसका सिंपल सा मतलब ये हुआ की आजादी से लेके आज तक हमारी जितनी भी गवर्नमेंट आई है, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरीके से नहीं निभाई है। डेल्ही एन सी आर के जो नामी प्राइवेट हॉस्पिटल्स है वहाँ पे जो पेशेंस गए उनके बिल को इकट्ठा करके एनालाइज किया गया ताकि ये पता चल सके। Best Health insurance in India ये जो बिल बनाए गए है, इन हॉस्पिटल्स ने ये जेन्यूइन है या फिर इसमें कोई हेयर फेर हुई है और ये काम किया है? नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइस अथॉरिटी एन पी पी ए ने तो इसमें ये पता चला की प्राइवेट हॉस्पिटल्स जेनरिक दवाइयों को अवॉइड कर रहे थे और नॉन जेनरिक दवाइयाँ दे रहे थे। अभी जेनरिक दवाइयाँ क्या होती है?
देखिए ये तो मैंने ऑलरेडी एक वीडियो में समझा दिया है। बट अभी के लिए आप इतना समझ लीजिए की जेनरिक दवाइयों में गवर्नमेंट प्राइस फिक्स करती है। Best Health insurance in India उसका रेट आप अपने हिसाब से ऊपर नीचे नहीं कर सकते। तो प्राइवेट हॉस्पिटल्स क्या करते है? इनको अवॉइड करने के लिए दूसरे ब्रांडी की दवाइयां प्रीस्क्राइब करते है जहाँ पे पहले से ही कमिशन सेट होता है तो जब पे।