यूपी पंचायत चुनाव नियम 2021
यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जिला प्रशासन भी चुनाव की तैयारियों पूरी कर ली है। गांव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के लिए आने वाली आरक्षण सूची का इंतजार है। आरक्षण सूची जारी होते ही चुनाव अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है, जिसे वरीयता क्रम के अनुसार लागू किया जाता है। पहला नंबर अनुसूचित जाति वर्ग की महिला का होगा। अनुसूचित वर्ग की कुल आरक्षित 21 प्रतिशत सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत सीटों में भी पहली वरीयता महिलाओं को दी जाएगी। अनारक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग से लेकर किसी भी जाति का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा कर लें, इसके बाद 30 अप्रैल तक प्रधानों के चुनाव कराए जाएं। 15 मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव कराएं।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव नियम 2021
865 मतदान केंद्र और 2351 बूथ मेरठ में पंचायत चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। 12 ब्लॉक में 865 मतदान केंद्र और 2351 बूथ बढ़ गए हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार आठ सौ मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है। अब मतदान और मतगणना की ड्यूटी के लिए जिले के लगभग 559 विभिन्न विभागों के कार्मिकों और अफसरों का डाटा फीड करने का काम किया जा रहा है। अब तक 18,202 कार्मिकों का डाटा फीड किया जा चुका है। आलोक कुमार सिंहा, डीपीआरओ ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश तो आ गए हैं। उम्मीद है कि 15 तारीख तक आरक्षण का जियो जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद सीटों को आरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (Uttar Pradesh Panchayat Chunav ) की तैयारी तेज हो चुकी है. पिछले दिनों चुनाव को अप्रैल तक कराने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया जिसके बाद आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया में तेजी नजर आ रही है. शासन की ओर से पंचायत राज विभाग से वर्ष 1995 से लेकर वर्ष 2020 तक का पूरा डाटा मांगा गया है.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 5 नए नियम 2021
951 ग्राम पंचायतों में आरक्षण किस वर्ग में रहा और आरक्षण कैसे बनाने का काम किया गया इसकी पूरी जानकारी विभाग को देनी होगी. डीपीआरओ द्वारा पूरा डाटा तैयार करने का काम जारी है. आपको बता दें कि ग्राम प्रधानों का कार्य दिसंबर 2020 में पूरा हो चुका है जिसके बाद से प्रशासन ने 951 ग्राम पंचायतों की कमान संभाल रखी है.शासन स्तर से पंचायत चुनावों की तैयारियां भी जोरों से जारी है. लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अप्रैल तक पंचायत चुनावों को पूरा कराने के निर्देश दिए हैं. इस निर्देश के बाद अब शासन ने आरक्षण की रूप-रेखा बनाने की तैयारी तेज कर दी है. आरक्षण का पूरा डाटा मांगा : गौर हो कि पंचायत राज विभाग की ओर से डीपीआरओ से वर्ष 1995 से लेकर 2020 तक का आरक्षण का पूरा डाटा मांगा गया है. आदेश में कहा गया कि 16 ब्लॉक की 951 ग्राम पंचायतों में आरक्षण के क्या-क्या नियम अब तक लागू हुए और किसी तरह इसे लागू करने का काम किया गया था. इसका पूरा डाटा उपलब्ध कराया जाए. वहीं, शासन से आदेश मिलने के बाद विभाग द्वारा आरक्षण का पूरा डाटा तैयार करने का काम किया जा रहा है.
Up Panchayat Chunav Niyam 2021
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने को कहा कि सूबे में पंचायत चुनाव 30 अप्रैल, 2021 तक करा लिए जाएं. न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने हाथरस निवासी विनोद उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया. इससे पूर्व, बुधवार को चुनाव आयोग के वकील ने अदालत के समक्ष चुनाव के कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसे देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि संविधान के आदेश के मुताबिक, पंचायत चुनाव 13 जनवरी, 2021 को या इससे पूर्व करा लिए जाने चाहिए थे. चुनाव आयोग के निर्वाचन कार्यक्रम से यह चुनाव मई, 2021 में पूरा होता दिख रहा है। प्रथम दृष्टया हम चुनाव आयोग द्वारा दिए गए कार्यक्रम को स्वीकार नहीं कर सकते. राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि राज्य में निकट भविष्य में होने वाला पंचायत चुनाव 2022 के विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास होगा. उत्तर प्रदेश में अगर समय पर पंचायत चुनाव होता, तो 25 दिसंबर से पहले सभी ग्राम सभाओं में नए ग्राम प्रधान चुन लिए गए होते, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते यह चुनाव प्रभावित हुआ और इसमें देरी हो गई. अब मतदाता सूची जारी कर दी गई है. भाजपा पंचायत चुनाव में किन पदों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है.